HomeTantra and MantraOm Namah Shivay Mantra: उत्पत्ति, जप, लाभ और सावधानियां

Om Namah Shivay Mantra: उत्पत्ति, जप, लाभ और सावधानियां

ओम नमः शिवाय मंत्र आत्मा की शांति और शक्ति प्राप्त करने के लिए भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन मंत्र है। इस लेख में आप इसका अर्थ, उत्पत्ति, जप विधि और लाभ जानेंगे।

“ओम नमः शिवाय” गहरा आध्यात्मिक महत्व रखता है और हिंदू भगवान शिव के आशीर्वाद और कृपा का आह्वान करने के लिये करते हैं। यह मंत्र आध्यात्मिक साधकों के लिए आंतरिक शांति, शक्ति और आध्यात्मिक ज्ञान की खोज में एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में कार्य करता है।

ॐ नमः शिवाय मंत्र का अर्थ (Om Namah Shivay Mantra meaning in Hindi)

ओम नमः शिवाय” भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन संस्कृत मंत्र है। इस मंत्र का मूल अर्थ है “मैं भगवान शिव की पूजा करता हूं” या “मैं शिव से प्रार्थना करता हूं।” इसका जाप आत्म शांति और आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में एक कदम है

आइए प्रत्येक शब्दांश का अर्थ जानें:

  • ओम (ॐ): हिंदू धर्म में ओम को सबसे पवित्र ध्वनि माना जाता है। यह परम वास्तविकता, अस्तित्व के स्रोत और ब्रह्मांड के कंपन का प्रतिनिधित्व करता है। “ओम” का जाप आपको ब्रह्मांडीय ऊर्जा और परमात्मा से जोड़ता है।
  • नमः : नमः एक संस्कृत शब्द है जिसका अनुवाद “मैं झुकता हूं,” “मैं सम्मान करता हूं,” या “मैं सलाम करता हूं” के रूप में किया जा सकता है। यह सम्मान और समर्पण का प्रतीक है।
  • शिवाय: शिवाय शिव का स्वामित्व रूप है, जो विशेष रूप से भगवान शिव को संदर्भित करता है। शिव हिंदू धर्म में प्रमुख देवताओं में से एक हैं, जो विनाश, परिवर्तन और मुक्ति के दिव्य पहलुओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। “शिवाय” का जाप भगवान शिव की दिव्य उपस्थिति और गुणों को स्वीकार करता है।

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ॐ नमः शिवाय मंत्र की उत्पत्ति (Origin of Om Namah Shivay Mantra in Hindi)

सनातन धर्म के अनुसार ओम नमः शिवाय मंत्र की उत्पत्ति हिंदू धार्मिक ग्रंथ ‘श्री रुद्रम’ में मिलती है। इस मंत्र का उल्लेख वेदों में भी किया गया है। मंत्र का जाप रुद्राक्ष माला से किया जाता है।

“ओम नमः शिवाय” भगवान शिव को समर्पित एक शक्तिशाली मंत्र है, जिसे अक्सर शिव पंचाक्षर मंत्र या पंचाक्षर मंत्र के रूप में जाना जाता है, जो इसके पांच पवित्र अक्षरों (“ॐ” को छोड़कर) को दर्शाता है। इस मंत्र की उत्पत्ति प्राचीन हिंदू ग्रंथों, विशेष रूप से श्री रुद्रम चमकम और रुद्राष्टाध्यायी से हुई है। श्री रुद्रम चमकम कृष्ण यजुर्वेद का एक हिस्सा है, जबकि रुद्राष्टाध्यायी शुक्ल यजुर्वेद से संबंधित है।

अपने सार में, मंत्र “ना,” “मह,” “शि,” “वा,” और “य” अक्षरों से बना है। यह पवित्र मंत्र कृष्ण यजुर्वेद के अंतर्गत श्री रुद्रम चमकम में पाया जा सकता है। इस संदर्भ में, मंत्र नमकम् अध्याय के आठवें स्तोत्र में आता है, जिसमें “ओम” को हटा दिया गया है, जिसे ‘नमः शिवाय च शिवतराई च’ के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इसका अनुवाद “शिव को नमस्कार है, जो शुभ है, और शिवतारा को नमस्कार है, जिसके परे कोई और अधिक शुभ नहीं है।”

मंत्र रुद्राष्टाध्यायी में भी मौजूद है, जो शुक्ल यजुर्वेद का एक घटक है, जो पांचवें अध्याय के इकतालीसवें अध्याय में रहता है, जिसे नमकम के नाम से जाना जाता है। यहाँ भी इसे ‘नमः शिवाय च शिवतराई च’ के रूप में व्यक्त किया गया है।

ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप कैसे करें

ॐ नमः शिवाय मंत्र (Om Namah Shivay Mantra) का जाप करते समय किसी शांत और पवित्र स्थान का चयन करना चाहिए। आप इसका जाप मंदिर में, ध्यान कक्ष में या घर में कर सकते हैं। इस मंत्र का जाप करते समय अपना ध्यान एकाग्र रखें और अपने अंतर्मन को शिव पर केन्द्रित करें।

ॐ नमः शिवाय मंत्र के लाभ (Benefits of Om Namah Shivay Mantra in Hindi)

  • आत्मिक शांति: इस मंत्र का जाप करने से मन को शांति मिलती है। इससे आत्मा की पवित्रता की रक्षा होती है।
  • आध्यात्मिक उन्नति: ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप आत्मा की आध्यात्मिक एकता लाता है। आप अपनी आंतरिक आत्मा से और अधिक जुड़ जाते हैं।
  • रोगियों के लिए लाभ: मंत्र जाप से शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है। इससे तनाव कम होता है और शरीर में ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।
  • भक्ति में वृद्धि: इस मंत्र के जाप से भक्ति की भावना बढ़ती है और भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है।
  • मानसिक शक्ति: ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करने से मानसिक शक्ति बढ़ती है। शक्ति और समर्थन आपके मन में आ गया है.

ॐ नमः शिवाय मंत्र के सावधानियां

  • इस मंत्र का जाप किसी पवित्र स्थान पर करना चाहिए।
  • मंत्र का जाप व्यक्ति की आस्था और विश्वास पर आधारित होता है इसलिए इसका जाप शुद्ध मन से करना चाहिए।
  • इस मंत्र का जाप व्यक्ति को अपने लक्ष्य और उद्देश्य को ध्यान में रखकर करना चाहिए, अन्यथा इसका लाभ कम हो सकता है।
  • मंत्र जाप स्वास्थ्य के लिए है, किसी प्रकार के अनुष्ठान या तांत्रिक प्रयोग के लिए नहीं।

ओम नमः शिवाय मंत्र एक पवित्र और शक्तिशाली मंत्र है जो आत्मा की शांति और आध्यात्मिक विकास में मदद करता है। इसका नियमित जाप करके लोग अपने जीवन को सुखी और समृद्ध बना सकते हैं।

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