दूर एक गाँव में एक किसान अपनी पत्नी और तीन बेटों के साथ रहता था। किसान और उसकी पत्नी अपने खेत में बहुत मेहनत करते थे। परन्तु उनके बेटे आलसी थे और सारा दिन सोते रहते थे।
एक दिन सबसे छोटे बेटे ने अपनी माँ से कुछ स्वादिष्ट खाना बनाने को कहा। उनकी मां ने कहा, ‘हम ज्यादा फसलें नहीं उगाते। इसलिए, हमारे पास ज्यादा खाना नहीं है।’
‘हम और फसलें क्यों नहीं उगाते?’, बेटे ने पूछा। तभी किसान आया और उसने अपने बेटे की बात सुनी। उसने गुस्से में कहा, ‘तुम तीनों में से कोई भी खेत पर काम नहीं करता। हम अधिक फसलें कैसे उगा सकते हैं?’
सबसे छोटे बेटे ने अपने भाइयों को बताया कि उनके पिता ने क्या कहा था। उन दोनों ने कहा, ‘हम अच्छा खाना खाना चाहते हैं, लेकिन हम काम नहीं करना चाहते’। लेकिन सबसे छोटा बेटा खेत में अपने माता-पिता की मदद करने लगा। जल्द ही खेत हरी-भरी फसलों से भर गया।
एक दिन, अन्य दो बेटे एक पेड़ के नीचे आराम कर रहे थे। तभी उन्होंने देखा कि बकरियों का एक झुंड फसल खा रहा है। वे दोनों उठे और जानवरों को भगाने लगे। उनकी माँ ने उन्हें देखा और हँसने लगी। उन्होंने कहा, ‘जानवरों के पीछे मत भागो. उन्हें दूर रखने के लिए बाड़ बनाने में हमारी मदद करें।’ दूसरे बेटे ने उसकी मदद करने का फैसला किया और पिताजी के साथ मिलकर एक बाड़ का निर्माण किया। कुछ दिनों बाद फसल बड़ी हो गई।
एक दिन बड़े बेटे ने कुछ पक्षियों को फसल खाते देखा। वह बहुत क्रोधित हुआ और उन्हें वहाँ से भगा दिया। पिता हँसे और बोले, ‘पक्षियों का पीछा मत करो। आप बिजूका (scare crow) बनाने में मेरी मदद क्यों नहीं करते?’ यह सुनकर,
सबसे बड़े बेटे ने अपने पिता की मदद करने का फैसला किया।
उन्होंने एक बिजूका बनाया और पक्षी दोबारा नहीं आये। सभी ने मिलकर खेत में कड़ी मेहनत की और अच्छा खाना खाया। वे अब एक खुशहाल परिवार हैं।
कहानी का सार
एक प्यार करने वाला और मददगार परिवार एक खुशहाल परिवार होता है।
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