आप सभी ने रणवीर अल्लाहबादिया विवाद के बारे में तो सुना ही होगा। इस लेख में हम इस विवाद, डार्क हुमूर और इंटरनेट पर कंटेंट के नाम पर अश्लीलता के बारे में प्रकाश डालेंगे।
हाल ही में, लोकप्रिय यूट्यूबर और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर रणवीर अल्लाहबादिया (Ranveer Allahbadia), जिन्हें ‘BeerBiceps’ के नाम से भी जाना जाता है, ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ (India’s Got Talent Parody) शो के एक एपिसोड में की गई विवादास्पद टिप्पणी के कारण कानूनी और सामाजिक आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं।
इंडियाज गॉट लेटेंट और रणवीर अल्लाहबादिया विवाद की उत्पत्ति:
इंटरनेट पर कंटेंट क्रिएटर्स अक्सर ‘डार्क ह्यूमर’ और ‘एज कॉमेडी’ के नाम पर नए-नए प्रयोग करते रहते हैं, लेकिन हर बार यह मजाक के रूप में नहीं लिया जाता। ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ के बोनस एपिसोड 6 में, रणवीर अल्लाहबादिया ने एक प्रतियोगी से एक आपत्तिजनक प्रश्न पूछा:
“क्या आप अपने माता-पिता को हर दिन सेक्स करते देखना पसंद करेंगे या इसे हमेशा के लिए रोकने के लिए एक बार इसमें शामिल होना चाहेंगे?”
सवाल था तो हंसाने के लिए, लेकिन दर्शकों ने इसे बिल्कुल भी ‘फनी’ नहीं माना। देखते ही देखते सोशल मीडिया पर इस पर जबरदस्त गुस्सा भड़क गया, और रणवीर के साथ-साथ उनके शो के अन्य मेंबर्स जैसे समय रैना, आशीष चंचलानी, जसप्रीत सिंह, अपूर्वा मखीजा पर भी आरोप लगाए गए कि वे ‘अश्लीलता’ को बढ़ावा दे रहे हैं।
विवाद को और बढ़ाते हुए, एक महिला पैनलिस्ट रिबेल किड उर्फ अपूर्वा मखीजा ने एक पुरुष प्रतिभागी के प्रति आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिससे चर्चा का स्तर और गिर गया। स्थिति तब और गंभीर हो गई जब रणवीर अल्लाहबादिया ने सार्वजनिक मंच पर एक बेहद अनुचित टिप्पणी कर दी, जिसमें उन्होंने एक अशोभनीय कृत्य के लिए ₹2 करोड़ की पेशकश की। इस तरह की सामग्री न केवल मर्यादा की सीमाओं को पार करती है बल्कि इसे मनोरंजन के बजाय आपत्तिजनक और अनुचित श्रेणी में ला देती है। शो के प्रारूप और इसकी चर्चाओं ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि इस प्रकार की सामग्री दर्शकों पर क्या प्रभाव डालती है और डिजिटल क्रिएटर्स की नैतिक जिम्मेदारी क्या होनी चाहिए।
इस टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर व्यापक आक्रोश फैल गया, और इसे अश्लीलता को बढ़ावा देने वाला माना गया।
कानूनी संकट: असम पुलिस ने दर्ज की FIR
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 10 फरवरी 2025 को एक ट्वीट में जानकारी दी कि गुवाहाटी पुलिस ने रणवीर अल्लाहबादिया, समय रैना, आशीष चंचलानी, जसप्रीत सिंह, अपूर्वा मखीजा और अन्य के खिलाफ अश्लीलता को बढ़ावा देने और यौन स्पष्ट और अश्लील चर्चा में शामिल होने के लिए एफआईआर दर्ज की है। यह मामला BNS 2023, आईटी एक्ट 2000, सिनेमैटोग्राफ एक्ट 1952, और महिलाओं के अशोभनीय प्रतिनिधित्व (निषेध) अधिनियम 1986 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज किया गया है।
सीधा मतलब – अब सिर्फ माफी मांगने से बात नहीं बनने वाली!
रणवीर की सफाई, प्रतिक्रिया और माफी – ‘मुझे लगा था, यह फनी होगा!’
विवाद बढ़ने पर, रणवीर अल्लाहबादिया ने एक वीडियो जारी कर अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगी।
“मुझे लगा था कि लोग इसे ‘डार्क ह्यूमर’ के तौर पर लेंगे, लेकिन यह एक बहुत बड़ी गलती थी। कॉमेडी मेरी ताकत नहीं है और मैंने गलत चीज़ को मजाक बनाने की कोशिश की।”
उन्होंने स्वीकार किया कि उनका प्रयास अनुचित और असफल था, और उन्होंने यह भी कहा कि कॉमेडी उनकी ताकत नहीं है। रणवीर का कहना है कि उनका मकसद किसी को ठेस पहुंचाना नहीं था, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या ‘डार्क ह्यूमर’ की भी कोई सीमा होती है?
डार्क ह्यूमर और इंटरनेट का दोहरा मापदंड?
इंटरनेट और ‘एज कॉमेडी’ की दुनिया में “कब कौन-सी चीज हंसी में ली जाए और कब वह समस्या बन जाए” – इसका अंदाजा लगाना मुश्किल होता जा रहा है।
🔹 क्या ‘डार्क ह्यूमर’ की कोई सीमा होनी चाहिए?
🔹 क्या आज के क्रिएटर्स कंट्रोवर्सी के नाम पर अश्लीलता को कंटेंट बना रहे हैं?
🔹 क्या कानून को इस तरह के कंटेंट पर सख्त नियम बनाने चाहिए?
सोशल मीडिया इस पर बंटा हुआ है – कुछ लोगों का कहना है कि रणवीर को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है, जबकि कुछ का मानना है कि “इस तरह के जोक्स को माफ नहीं किया जा सकता!”
निष्कर्ष:
यह घटना दर्शाती है कि सार्वजनिक मंचों पर व्यक्त की गई टिप्पणियों के प्रति सतर्कता और संवेदनशीलता आवश्यक है। अश्लीलता और अनैतिकता को बढ़ावा देने वाली टिप्पणियां न केवल कानूनी समस्याओं का कारण बनती हैं, बल्कि समाज में नकारात्मक प्रभाव भी छोड़ती हैं।
इंटरनेट कभी नहीं भूलता, और एक गलत स्टेप आपकी पूरी छवि को खराब कर सकता है।
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