मनु भाकर आज किसी परिचय की मोहताज़ नहीं। उन्हों ने 2024 पेरिस ओलंपिक में ओलंपिक खेलों में निशानेबाजी में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनकर इतिहास रच दिया। 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में उनकी कांस्य पदक जीत उनके अटूट समर्पण, दृढ़ता और असाधारण कौशल का प्रमाण है।
मनु भाकर – एक परिचय
मनु भाकर, जो हरियाणा के झज्जर जिले से आती हैं, ने कम उम्र में ही शूटिंग की दुनिया में अपनी पहचान बना ली। उन्होंने 2024 के ओलंपिक खेलों में शानदार प्रदर्शन करते हुए इतिहास रच दिया। मनु भाकर भारत की पहली महिला बनीं जिन्होंने ओलंपिक शूटिंग प्रतियोगिता में कोई पदक जीता।
प्रारंभिक जीवन और संघर्ष
मनु भाकर का जन्म हरियाणा के झज्जर में हुआ था, जो अपने बॉक्सरों और पहलवानों के लिए जाना जाता है। उन्होंने स्कूल में टेनिस, स्केटिंग और बॉक्सिंग जैसे खेल खेले। उन्होंने एक मार्शल आर्ट ‘थांग टा’ में भी राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीते। 14 साल की उम्र में, मनु ने शूटिंग में अपना हाथ आजमाया और इसी में अपना करियर बनाने का निर्णय लिया। उनके पिता राम किशन भाकर जी का पूरा समर्थन मनु को मिला। पिता ने उन्हें एक स्पोर्ट शूटिंग पिस्टल दिलाई।
महत्वपूर्ण उपलब्धियां
- मनु भाकर ने 2017 के राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप में ओलंपियन हीना सिद्धू को हराकर 10 मीटर एयर पिस्टल में स्वर्ण पदक जीता। इसके बाद उन्होंने 2017 के एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में रजत पदक जीता।
- अंतर्राष्ट्रीय स्पोर्ट शूटिंग फेडरेशन (ISSF) विश्व कप में, उन्होंने मेक्सिको में स्वर्ण पदक जीता, जिससे वह सबसे कम उम्र की भारतीय बनीं जिन्होंने ISSF विश्व कप में स्वर्ण पदक जीता।
- 2024 पेरिस ओलंपिक खेलों में शानदार प्रदर्शन करते हुए महिला १० मीटर एयर पिस्तौल स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर पहली भारतीय महिला; जिन्होंने किसी भी ओलंपिक्स खेलों में शूटिंग गेम्स में कोई भी पदक जीता हो; बनने का गौरव हासिल किया।
प्रमुख टूर्नामेंट और पदक
नीचे तालिका में मनु भाकर की प्रमुख उपलब्धियों का सारांश प्रस्तुत किया गया है:
वर्ष | इवेंट | उपलब्धि |
2017 | राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप | 10 मीटर एयर पिस्टल में स्वर्ण पदक; रिकॉर्ड तोड़ा |
2017 | एशियाई जूनियर चैंपियनशिप | रजत पदक |
2018 | ISSF विश्व कप, ग्वाडलाजारा, मेक्सिको | 10 मीटर एयर पिस्टल में स्वर्ण पदक; सबसे कम उम्र की भारतीय |
2018 | ISSF जूनियर विश्व कप | 10 मीटर एयर पिस्टल में व्यक्तिगत और मिश्रित टीम स्वर्ण पदक |
2018 | राष्ट्रमंडल खेल, गोल्ड कोस्ट, ऑस्ट्रेलिया | 10 मीटर एयर पिस्टल में स्वर्ण पदक; नया गेम्स रिकॉर्ड बनाया |
2018 | युवा ओलंपिक, ब्यूनस आयर्स, अर्जेंटीना | 10 मीटर एयर पिस्टल में स्वर्ण पदक; युवा ओलंपिक में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय शूटर |
2019 | ISSF विश्व कप, नई दिल्ली | 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम में तीन स्वर्ण पदक; व्यक्तिगत और मिश्रित टीम स्वर्ण पदक |
2021 | ISSF विश्व कप, नई दिल्ली | 10 मीटर एयर पिस्टल में स्वर्ण और रजत पदक; 25 मीटर एयर पिस्टल में कांस्य पदक |
2022 | काहिरा विश्व चैंपियनशिप | महिला 25 मीटर पिस्टल में रजत पदक |
2023 | एशियाई खेल, हांगझोउ | महिला 25 मीटर पिस्टल में स्वर्ण पदक |
2023 | ISSF विश्व कप, भोपाल | महिला 25 मीटर पिस्टल में कांस्य पदक |
2023 | एशियाई शूटिंग चैंपियनशिप, चांगवोन | पेरिस 2024 ओलंपिक कोटा स्थान प्राप्त किया |
2024 | २०२४ पेरिस ओलिंपिक | महिला 10 मीटर पिस्टल में कांस्य पदक |
संघर्ष और सीख
मनु भाकर की यात्रा संघर्षों और सीखों से भरी रही है। उन्होंने कई बड़े टूर्नामेंटों में असफलताएं देखीं, लेकिन फिर भी वह निरंतर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ती रहीं।
निष्कर्ष
मनु भाकर की कहानी संघर्ष, दृढ़ता और सफलता की एक प्रेरणादायक कहानी है। उन्होंने न केवल भारत को गर्वित किया है, बल्कि युवा पीढ़ी को भी प्रेरित किया है कि वे अपने सपनों को साकार करने के लिए निरंतर प्रयास करें।
यह भी पढ़िए: नीरज चोपड़ा – द मैन विद गोल्डन आर्म