HomeReligionRaksha Mantra: येन बद्धो बली मंत्र का महत्व और रक्षा की प्रतिज्ञा

Raksha Mantra: येन बद्धो बली मंत्र का महत्व और रक्षा की प्रतिज्ञा

भारतीय संस्कृति में मन्त्रों का विशेष महत्व है, जो हमें सबलता, आत्मविश्वास और रक्षा की शक्ति का अनुभव कराते हैं। एक ऐसा प्रसिद्ध रक्षा मंत्र (raksha mantra) है जिसने ‘रक्षा बंधन (raksha bandhan)’ के त्योहार को अपने आदिकाल से जोड़ रखा है, और वह है:

रक्षा बंधन मंत्र, रक्षा मंत्र हिंदी, संस्कृत और English में

येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वा प्रतिबध्नामि रक्षे मा चल माचलःll

Raksha mantra in english

Yen badho bali raja danavendro mahabala।
Ten twa pratibadhnami machal macahlah।।

आज के समय में यह मंत्र एक एक बेहद महत्वपूर्ण संदेश देता है – समरसता, साहस और विश्वास के साथ अपने प्रियजनों की रक्षा करना।

रक्षा मंत्र का अर्थ और महत्व (Importance of Raksha mantra in hindi)

रक्षा मंत्र का अर्थ (raksha mantra meaning in Hindi) – यह मंत्र महाकवि कालिदास द्वारा रचित काव्य से लिया गया है। इसका अर्थ होता है – “जैसे रक्षा सूत्र से दानवों के महापराक्रमी राजा बली को धर्म के बंधन में बांधा गया था, उसी तरह इस रक्षा सूत्र से मैं तुझे बंधता हूँ, मतलब तुम्हे अपने धर्म के प्रति प्रतिबद्ध करता हूँ। हे रक्षे (रक्षा सूत्र) तुम चलायमान न हो अर्थात रक्षा सूत्र से स्थिर रहने की प्रार्थना की जाती है ।”

यह मंत्र पुरोहित द्वारा अपने यजमान के रक्षा सूत्र बांधते समय भी उच्चारित किया जाता है।

यह मंत्र रक्षा बंधन के पर्व पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। रक्षा बंधन का अर्थ होता है ‘रक्षा’ और ‘बंधन’ का संयोजन – एक ऐसा पर्व जिसमें बहनें अपने भाइयों को रक्षा का वचन देती हैं और उन्हें किसी भी परिस्थिति में संरक्षण देने की प्रतिज्ञा करती हैं। इस पर्व के दौरान बहनें अपने भाइयों की कलाइ पर राखी बांधकर उनकी रक्षा करने का आधिकारिक रूप देती हैं।

रक्षा मंत्र येन बद्धो बलि राजा मंत्र का शाब्दिक अर्थ (word by word meaning of Raksha mantra)

  • येन – जिसके द्वारा
  • बद्धो – प्रतिबद्ध हुए,
  • बली राजा – राजा बलि,
  • दानवेन्द्रो – दानवों के राजा
  • महाबल: – महाबलशाली,
  • तेन – उसी तरह
  • त्वाम – तुम्हे
  • अनुबध्नामि – मैं भी उसी रक्षा सूत्र मे बांधता हूँ
  • रक्षे – हे रक्षा सूत्र
  • मा चल= चलायमान न हो, स्थिर रहो

रक्षा बंधन की शक्ति

मंत्र में उपयोग की गई ‘रक्षे’ शब्द अत्यधिक महत्वपूर्णता रखता है। यह हमें यह याद दिलाता है कि हर एक व्यक्ति के पास एक अद्भुत शक्ति होती है – अपने स्वयं की रक्षा की शक्ति। इसका अभ्यास करके हम संकटमय परिस्थितियों में भी खुद की रक्षा कर सकते हैं और साहसपूर्वक आगे बढ़ सकते हैं।

मंत्र की प्राचीनता और आध्यात्मिक महत्व

“येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:। तेन त्वा प्रतिबध्नामि रक्षे मा चल माचलःll” मंत्र अपनी प्राचीनता और आध्यात्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह मंत्र महाकवि कालिदास के श्रीमद् रघुवंश काव्य से लिया गया है और संस्कृत साहित्य में उसकी अत्यधिक महत्वपूर्णता है।

मंत्र की प्राचीनता

यह मंत्र हजारों वर्षों से हमारी संस्कृति के भाग के रूप में हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता आ रहा है। कालिदास के काव्य में यह मंत्र न केवल एक विशेष परिस्थिति के लिए बल्कि व्यक्तिगत और सामाजिक संरचनाओं में भी आध्यात्मिक मार्गदर्शन का कार्य करता है।

आध्यात्मिक महत्व

इस मंत्र का आध्यात्मिक महत्व अत्यंत गहरा है। यह मंत्र हमें सिखाता है कि कैसे हम अपनी आध्यात्मिक शक्ति को पहचान सकते हैं और उसका उपयोग करके आत्म-संरक्षण कर सकते हैं। विश्वास की शक्ति और आत्म-नियंत्रण की यह महत्वपूर्ण बातें हैं जो हमें आध्यात्मिक दृष्टिकोण से समझाते हैं।

रक्षा का आध्यात्मिक अर्थ (Raksha Bandhan and Spirituality in hindi)

इस मंत्र में उपयोग की गई शब्दों की आध्यात्मिक भावना भी गहरी है। “रक्षा” शब्द का आध्यात्मिक अर्थ होता है – अपने आप की रक्षा करना, अपने धर्म की रक्षा करना, अपनी आत्मा की सुरक्षा करना। यह अद्भुत शक्ति हमें सिखाती है कि हमें अपने आप की रक्षा करने की क्षमता है और हम स्वयं को संगठित और सुरक्षित बना सकते हैं।

रक्षा मंत्र का सम्बंध रक्षा बंधन से (Raksha Bandhan and Raksha Mantra)

यह मंत्र ‘रक्षा बंधन’ के पर्व के साथ संबंधित भी है। इस पर्व के दौरान बहनें अपने भाइयों की रक्षा का प्रतिज्ञान करती हैं, जिसका सीधा संदेश “तेन त्वा प्रतिबध्नामि रक्षे मा चल माचलःll” मंत्र में है। इस मंत्र के माध्यम से हम यह समझ सकते हैं कि सही समय पर अपने प्रियजनों की रक्षा करने का उपाय क्या है और कैसे हम उनके साथ संघर्षों का सामना कर सकते हैं।

निष्कर्ष

“येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:। तेन त्वा प्रतिबध्नामि रक्षे मा चल माचलःll” मंत्र हमें आध्यात्मिक और सामाजिक संरचनाओं में रक्षा की महत्वपूर्णता का अनुभव कराता है। यह हमें अपने स्वयं की शक्ति को पहचानने और उसका उपयोग करके सफलता प्राप्त करने की प्रेरणा देता है।

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