HomeTantra and MantraHanuman Mantra: अतुलितबलधामं मंत्र - ज्ञान और शक्ति का आध्यात्मिक स्रोत

Hanuman Mantra: अतुलितबलधामं मंत्र – ज्ञान और शक्ति का आध्यात्मिक स्रोत

हिन्दुओं के पवित्र ग्रन्थ रामायण के सुन्दरकाण्ड में गोस्वामी तुलसीदास जी हनुमान जी की आराधना करते हुए तीसरे श्लोक में इस हनुमान महामंत्र (hanuman mantra) अतुलितबलधामं (atuli baldhamam) का उच्चारण करते हैं।

Hanuman Mantra – अतुलितबलधामं मंत्र: (Atulit Baldhamam lyrics)

अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम् , दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् |
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशम् , रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि ||

English me Atulit Baldhamam hanuman mantra
atulit baldhamam, hem shailabh deham, danujvan krishanum, gyaninanm agraganyam|
sakal gun nidhanam, vanranam dheesham, raghupati priya bhaktam, vatjatam namami ||

Atulit Baldhamam: मंत्र का महत्व और अर्थ

अतुलितबलधामं मंत्र भगवान हनुमान का अराधना मंत्र (Hanuman mantra) है, जिसे उनकी शक्ति और ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। यह मंत्र हमें अतुलनीय बल, ज्ञान, और भक्ति की ओर प्रवृत्त करता है।

अतुलित बलधामं मंत्र का अर्थ (atulit baldhamam mantra ka arth)

Atulit baldhamam mantra meaning in Hindi: इस मंत्र का अर्थ होता है, “असीम बलों वाले, सोने के पहाड़ जैसे, दनुजों के वध करने वाले, ज्ञानियों में श्रेष्ठ, सम्पूर्ण गुणों का भंडार, वानरों में श्रेष्ठ, रघुपति श्रीराम के प्रिय भक्त, वायुपुत्र हनुमान, नमन करता हूँ।”

अतुलित बलधामं मंत्र का शब्दानुसार अर्थ

  • अतुलितबलधामं – अतुलनीय बल के स्वामी
  • हेमशैलाभदेहम् – सोने के पर्वत (सुमेरु पर्वत) के सामान
  • दनुजवनकृशानुं – दैत्य रुपी वन को ध्वंस करने के लिये अग्नि जैसा रौद्र रूप
  • ज्ञानिनामग्रगण्यम् – ज्ञानियों में अग्रणी
  • सकलगुणनिधानं – सम्पूर्ण गुणों के भंडार
  • वानराणामधीशम् – वानरों में अग्रणी, वानरों के स्वामी
  • रघुपतिप्रियभक्तं – रघुपति श्री राम जी के प्यारे भक्त
  • वातजातं – वायु देव (पवन देव) के पुत्र
  • नमामि – आपको नमन करता हूँ

अतुलितबलधामं मंत्र के लाभ

  1. आध्यात्मिक उन्नति: इस मंत्र का नियमित जप से आपकी आध्यात्मिक उन्नति होती है, और आप हनुमानजी के आसपास के समस्त दुखों से मुक्त होते हैं।
  2. शारीरिक और मानसिक शक्ति: इस मंत्र का जप करने से आपका शारीरिक और मानसिक बल बढ़ता है, जिससे आप जीवन के चुनौतियों को आसानी से पार कर सकते हैं।
  3. सुरक्षा और सकारात्मकता: यह मंत्र आपको बुराई से और नकारात्मकता से बचाता है, और आपको सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है।
  4. रोगनाशक: इस मंत्र का पाठ करने से भगवान हनुमान आपके शारीरिक और मानसिक रोगों को दूर करने में मदद करते हैं।
  5. आत्म-समर्पण: अतुलितबलधामं मंत्र का जाप करके आप भगवान हनुमान के प्रति अपने आत्मा का समर्पण करते हैं, जिससे आपका जीवन महत्वपूर्ण दिशा में बदल जाता है।

अतुलितबलधामं हनुमान मंत्र (hanuman mantra) का जप करने की विधि

  • आप इस मंत्र का नियमित रूप से जप करें, सुबह और शाम को।
  • ध्यानपूर्वक बैठकर या बैठे हुए ही इस मंत्र का जप करें।
  • यह मंत्र श्रद्धा और पूर्वकानुशासन के साथ पढ़ा जाना चाहिए, इसे सही तरीके से उच्चारित करने के लिए गुरु की मार्गदर्शन का लाभ उठाएं।

अतुलितबलधामं मंत्र  सावधानियां

  • यदि आपको मानसिक स्थितियों का सामना करना हो, तो पहले गुरु या पंडित से परामर्श करें।
  • इस मंत्र का जप शुद्धता और सच्चे मन से करें, बिना किसी अहंकार या दुश्मनता के।

अतुलितबलधामं हनुमान मंत्र (hanuman mantra) आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है और आपको आध्यात्मिक दिशा में मार्गदर्शन कर सकता है। इसे नियमित रूप से जप करें और अपने जीवन को सफलता और खुशियों से भर दें।

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