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Mayurasana (Peacock Pose): मयूरासन की विधि एवं लाभ

Mayurasana (Peacock Pose): मयूरासन किंचित् कठिन, किन्तु अत्यधिक लाभप्रद आसन है। मयूर (peacock) भारत का राष्ट्रीय पक्षी है। सुन्दरता की दृष्टि से यह पक्षियों में श्रेष्ठतम माना जाता है। मयूर के पंजें ऊँचे एवं मजबूत होते हैं। पंजों की तरह हाथों को जमीन पर टिका कर शरीर को स्थिर किया जाता है। यह स्थिति मयूर के सृदश बन जाती है। अत: इसे मयूरासन की संज्ञा से अभिहित किया जाता है।

मयूरासन (Mayurasana) की विधि (How to do Peacock pose)

  • भूमि पर घुटने टेक कर बैठें और हथेलियों को भूमि पर टिकाएँ। हाथ की अंगुलियां पैरों की ओर रहेंगी।
  • कोहनियां मोड़कर नाभि के ऊपर के हिस्से पर टिकाएं।
  • हाथों को अच्छी तरह से जमाने के पश्चात् श्वास का रेचक करते हुए मुख एवं कंधों को धीरे-धीरे सुस्थिर (बैलेन्स) बनाते हुए आगे की ओर बढ़ाएं।
  • पैर भूमि से अपने आप उठने लगेंगे। (कंधे-पैर व किसी अवयव को धक्का न दें। केवल कन्धों आदि को आगे बढ़ाने की कोशिश करेंगे तो पैर स्वत: उठने लगेंगे।
  • शरीर हाथों पर स्थिर हो जाएगा। प्रारम्भ में कुछ क्षण रुकें।
  • धीरे-धीरे पैरों को भूमि पर लाएं।
  • शरीर को शिथिल छोड़ें, पुन: मयूरासन का अभ्यास करें।

मयूरासन का स्वास्थ्य पर प्रभाव (Health impact of mayurasana)

  • मयूर आसन स्वास्थ्य के लिए उत्तम है।
  • शरीर को चलित, सुडौल और सुन्दर बनाता है।
  • हाथ की माँसपेशियां सृदृढ़ और प्रभावशाली कज़ी है।
  • मुख रक्ताभ होने से उसकी लाली बढ़ती है। चेहरा कांतिपूर्ण दिखाई देता है।
  • मयूरासन से पाचन-तंत्र तथा पेट के अन्य अवयव भी सक्रिय होते हैं।
  • पैर, साथल और भुजाएं शक्तिशाली और मजबूत बनती हैं।
  • मयूरासन भी शीर्षासन की तरह आसनों में श्रेष्ठ कहलाता है।

मयूरासन का ग्रन्थियों पर प्रभाव

  • एड्रीनल और थायरॉयड पर विशेष प्रभाव पड़ता है, जिससे क्रोध आदि आवेशों पर नियंत्रण होने लगता है।
  • गुरुत्वाकर्षण से मुक्त होने से शरीर का हल्कापन बढ़ जाता है।
  • सीना, मस्तक और गुर्दे इससे स्वस्थ और शक्तिशाली बनते हैं।

मयूरासन से लाभ

  • रक्त का प्रवाह मुख की ओर प्रचुर मात्रा में होने लगता है जिससे चेहरे का सौन्दर्य बढ़ता है।
  • मस्तिष्क की कार्य शक्ति बढ़ती है।
  • सीना, पेट एवं पैरों की कार्यक्षमता का विकास होता है।

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Prakhar Singh
Prakhar Singhhttps://infojankari.com/hindi/
प्रखर सिंह अपनी पढाई के दौरान से ही योग, अध्यात्म में रूचि रखते हैं और अपनी जानकारियों को साझा करने के लिए कलम उठाई।

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